समूचे प्रदेश में समय पर बारिश नहीं होने के कारण किसानों को सोयाबीन की फसलों में काफी नुकसान हुआ है।
बारिश का अधिक होना खेतों में पानी भरने का कारण बन रहा है, जिससे सोयाबीन की फसलें बर्बाद हो रही हैं।
पहले बारिश की कमी और अब अधिक बारिश के चलते किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है।इंद्रदेव की नाराजगी ने किसानों को संकट में डाल दिया है।
कृषि विभाग अधिकारी से प्राप्त हुए सरकारी आंकड़े 20 फ़ीसदी ही नुकसान दर्शा रहे हैं, जबकि किसान अपने दावों के मुताबिक 50 फ़ीसदी फसल नष्ट हो चुकी है।
फसलों की कटाई में मजदूरों के लिए रुपए निकालना भी बहुत मुश्किल है, क्योंकि बारिश की कमी से फसल में दाने भी छोटे-छोटे हुए हैं।
किसानों की मांग है कि सरकार उनके सहारे में आए और इस आपदा को दूर करने के लिए कदम उठाए।