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Farmer using emandi features

बड़ोरा मंडी में ऑनलाइन कटेगी प्रवेश पर्ची और तुलाई पर्ची: ई-मंडी से किसानों को नई सुविधाएं

आधुनिक तकनीकी युग में, भारतीय कृषि सेक्टर भी डिजिटल मोड में परिवर्तन कर रहा है, और इसी सिलसिले में बड़ोरा मंडी को ई-मंडी में बदलने की योजना शुरू की गई है। इस नए कदम से किसानों को अपनी उपज को बेचने में नई सुविधाएं मिलेंगी, जो उन्हें आसानी से और सुरक्षित तरीके से अपना व्यापार करने का अवसर देगा। यह लेख बताता है कि कैसे बड़ोरा मंडी को ई-मंडी में बदलने से किसानों को अनलॉक होगा और कृषि व्यापार में डिजिटल सुधार कैसे होगा।

क्या बड़ोरा मंडी को ई-मंडी बनाने से किसानों को होगा फायदा? इसका असर कृषि व्यापार में कैसे दिखेगा? इन सवालों के साथ, बड़ोरा मंडी को ई-मंडी में बदलने की पहल की गई है, जिससे किसानों को कई सुविधाएं मिलेंगी।

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बड़ोरा मंडी को ई-मंडी में बदलने के लिए मंडी सचिव सहित मंडी निरीक्षकों को हरदा की ऑनलाइन मंडी में किए जा रहे कार्य से अवगत कराया गया है। इस परिवर्तन से यह सुनिश्चित होगा कि किसानों को प्रवेश पर्ची के लिए कतार में खड़ा होना नहीं पड़ेगा, और वे अपनी उपज को ई-मंडी के माध्यम से आसानी से बेच सकेंगे।

मोबाइल से प्रवेश पर्ची और तौल पर्ची

  • ई-मंडी के लॉन्च के बाद, किसान अपने मोबाइल में एप डाउनलोड करके प्रवेश पर्ची काट सकेंगे और मंडी में उपस्थित तुलाई पर्ची भी ऑनलाइन निकाल सकेंगे। यह सुनिश्चित करेगा कि उन्हें अपनी उपज को बेचने में कोई दिक्कत नहीं होगी और सारे प्रक्रिया को ऑनलाइन बनाए रखा जाएगा।

इस परिवर्तन से किसानों को लाइन में लगकर प्रवेश पर्ची के लिए इंतजार करने की जरूरत नहीं होगी, बल्कि वे घर बैठे ही मोबाइल में एप डाउनलोड करके प्रवेश पर्ची काट सकेंगे। यह नए तकनीकी उपायों के माध्यम से किसानों को सुविधा प्रदान करने का एक प्रमुख कदम है और उन्हें अपनी उपज को बेचने में आसानी होगी।

  • ई-मंडी के लॉन्च के साथ, बड़ोरा मंडी में तौल पर्ची भी ऑनलाइन काटी जाएगी। इसके लिए पीओएस मशीन खरीदी जाएगी, जिससे तौल पर्ची काटने की प्रक्रिया में भी सुधार होगा। ऑनलाइन प्रक्रिया में तुलैया को भी प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे उन्हें ऑनलाइन मंडी में अपनी उपज बेचने में मदद मिलेगी। 

ई-मंडी बनने के बाद, बड़ोरा मंडी का व्यापार ऑनलाइन होगा और तौल पर्ची भी ऑनलाइन काटी जाएगी, जिससे समय और ऊर्जा की बचत होगी। यह परिवर्तन कृषि सेक्टर में डिजिटलीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो किसानों को नए और आसान तरीकों से उपज बेचने का अवसर प्रदान करेगा।

हरदा मंडी को ई-मंडी में बदलने के लिए भोपाल में एमडी और कृषि सचिव द्वारा आयोजित की गई ट्रेनिंग के पश्चात्, ई-मंडी की शुरुआत की तैयारी में हो रही है। आने वाले समय में, किसान अब अपनी उपज की ऑनलाइन प्रवेश पर्ची घर बैठे ही काट सकेंगे, और तुलाई पर्ची भी ऑनलाइन होगी। इसके लिए तैयारी जोरों पर है और किसानों को सही दिशा में मार्गदर्शन के लिए प्रचार-प्रसार का भी प्रोत्साहन किया जा रहा है। साथ ही, व्यापारिक समूहों के साथ बैठकें बुलाई जा रही हैं, ताकि उन्हें भी इस नए डिजिटल परिवर्तन की सहायता मिले। इस प्रक्रिया के माध्यम से, जल्द ही मंडी में ऑनलाइन कार्य शुरू होने का इंतजार है।

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बैतूल मंडी मे उपज का भुगतान समय पर न होने से किसान परेशान,संघ ने की शिकायत

किसानों को कृषि बाजार में अपनी उपज बेचने के बाद भुगतान मिलने में देरी का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें नकद भुगतान नहीं मिल रहा है. कुछ व्यापारी किसानों को भुगतान प्राप्त करने के लिए 8 से 10 दिनों तक इंतजार करने के लिए कह रहे हैं, जबकि बाजार में 24 घंटे के भीतर भुगतान करने की व्यवस्था है। अनाज एवं तिलहन संघ ने सचिव से बाजार में नकद भुगतान की व्यवस्था करने का अनुरोध किया है|

अनाज तिलहन संघ का आरोप है कि मंडी बाजार में किसानों को नकद भुगतान नहीं मिल रहा है. नीलामी के दौरान कहा जाता है कि 8-10 दिन बाद भुगतान कर दिया जाएगा, लेकिन इतने दिन बाद भी भुगतान नहीं हो रहा है। संघ का आरोप है कि जो भुगतान किया जा रहा है उसमें भी कटौती की जा रही है। इससे किसानों को आर्थिक परेशानी हो रही है। संघ का आरोप है कि जब किसान शिकायत करते हैं तो उनकी शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया जाता. संघ के सभी सदस्यों ने मंडी में सख्त भुगतान नियम लागू करने का अनुरोध किया है और यह भी मांग की है कि अनुपालन में कमी होने पर कलेक्टर को ज्ञापन देने की मांग उठाई है।

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पहले भी आ चूका है धोकाधड़ी का मामला

मंडी में एक व्यापारी ने चार महीने से अधिक समय पहले 25 से अधिक किसानों से उनके भुगतान में धोखाधड़ी की। पुलिस ने व्यापारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। हालांकि किसानों को अभी तक उनकी फसल का भुगतान नहीं मिला है. किसान अपना भुगतान लेने के लिए लगातार मंडी के चक्कर लगा रहे हैं। एक भी किसान को अभी तक व्यापारी से भुगतान नहीं मिला है।

किसानों को नकद भुगतान का व्यपारियों ने आवेदन दिया है। हमारे द्वारा किसानों से नकद भुगतान के बारे में पूछा जाता है। अभी तक कोई किसान नहीं आया, जिसका भुगतान न हुआ हो। इसके लिए कर्मचारियों को निर्देश भी जारी कर दिए गए हैं। मैं बैठक में इस पर चर्चा करूंगी |

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