Anaj Mandi

Anaj Mandi News

All News related to anaj mandi

Kisan credit card Benefit in hindi

जानिए Kisan Credit Card के लाभ और आवश्यक दस्तावेज और आवेदन कैसे करें

जानिए Kisan Credit Card के लाभ और आवश्यक दस्तावेज और आवेदन कैसे करें

 किसानों के लिए सरकार द्वारा जारी किसान क्रेडिट कार्ड Kisan Credit card एक बहुत ही महत्वपूर्ण उपाय है। क्या आप जानते हैं कि इस कार्ड के लाभ और आवश्यक दस्तावेज क्या हैं और इसके आवेदन कैसे करें?

कृषि क्षेत्र में काम करने वाले किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड की योजना शुरू की है। इसके द्वारा किसानों को आर्थिक मदद प्राप्त करने का मौका मिलता है। इसके द्वारा किसान अच्छी बियाई, खेती और उत्पादकता के लिए आवश्यक सामग्री और उपकरण प्राप्त कर सकते हैं। इसलिए इस कार्ड के लाभ और आवश्यक दस्तावेज जानना आवश्यक है।

यदि आप किसान हैं और आपके पास किसान क्रेडिट कार्ड हासिल करने की सोच है, तो इसके लाभ और आवेदन करने की प्रक्रिया को समझना आवश्यक है। इस लेख में हम आपको जानकारी देंगे कि किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधाएं क्या हैं, आवश्यक दस्तावेज क्या हैं और आवेदन कैसे करें।

Kisan credit card Benefit in hindi
Kisan showing Kisan Credit Card

किसान क्रेडिट कार्ड के लाभ ( Kisan Credit Card Benefits )

सस्ते ऋण: किसान क्रेडिट कार्ड के उपयोग से किसानों को कम ब्याज दरें मिलती हैं, जिससे उन्हें सस्ते ऋण प्राप्त करने की सुविधा मिलती है। इससे उन्हें नई तकनीक और कृषि उपकरण खरीदने का सुनहरा अवसर मिलता है।

आसान पहुंच: किसान क्रेडिट कार्ड का उपयोग करना सरल है और इसके माध्यम से ऋण प्राप्त करना भी आसान है। इसमें कोई जटिल प्रक्रिया शामिल नहीं है, और किसान सीधे अपने स्थानीय बैंक से संपर्क कर सकते हैं।

  • इस योजना में किसानों को 4 फीसदी की ब्याज दर पर 3 लाख रुपये तक का लोन मिल सकता है.
  • यदि किसान समय पर अपना ऋण चुकाते हैं, तो उन्हें 3% सब्सिडी मिलती है।
  • इस योजना में किसानों को 1.60 लाख रुपये तक का लोन आसानी से मिल सकता है. इसके लिए उन्हें कोई जमानत नहीं देनी होगी.
  • कार्डधारकों के पास 3.00 लाख रुपये तक का लोन लेने का मौका है.

किसान क्रेडिट कार्ड आवश्यक दस्तावेज

  1. किसान क्रेडिट कार्ड आवेदन फॉर्म
  2. पहचान प्रमाण– मतदाता पहचान पत्र / पैन कार्ड / पासपोर्ट / आधार कार्ड / ड्राइविंग लाइसेंस, आदि
  3. पता प्रमाण– मतदाता पहचान पत्र / पासपोर्ट / आधार कार्ड / ड्राइविंग लाइसेंस,बिल (3 महीने से ज्यादा पुराना न हो) आदि
  4. आय का प्रमाण– 3 महीने का बैंक स्टेटमेंट, पिछले 3 महीनों की सैलरी स्लिप, फॉर्म 16 आदि
  5. पासपोर्ट साइज फोटो – आवेदन के साथ एक पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ भी अटैच करें।

किसान क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन कैसे करें

  1. स्थानीय बैंक में जाएं: अपने नजदीकी बैंक शाखा में जाएं और किसान क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन करें।

  2. आवेदन फॉर्म भरें: आवेदन फॉर्म को ध्यानपूर्वक भरें और सभी आवश्यक दस्तावेज संलग्न करें।

  3. स्वीकृति दें: बैंक कर्मचारी आपकी जानकारी की सत्यापन करने के बाद, आपको किसान क्रेडिट कार्ड की स्वीकृति मिलेगी।

  4. कार्ड प्राप्त करें: आपकी आवेदन पूर्ण होने के बाद, आपको किसान क्रेडिट कार्ड प्राप्त होगा जिसे आप अपनी आवश्यकताओं के लिए उपयोग कर सकते हैं।

किसान क्रेडिट कार्ड Kisan credit card एक ऐसा वित्तीय सहारा है जो किसानों को सुरक्षित और सस्ते ऋण प्रदान करके उनकी कृषि आधारित आर्थिक स्थिति में सुधार करने में मदद करता है। सही दस्तावेज और सुरक्षित प्रक्रिया के माध्यम से, किसान क्रेडिट कार्ड का उपयोग करने से किसान अपनी कृषि उपकरणों और तकनीकों को अद्यतित कर सकता है, जिससे उसकी उत्पादकता में वृद्धि होगी।

Farmer doing agriculture work in hot

धान की फसल को तेज धूप से नुकसान

Indian Farmer in hot atmoshphere
धान की फसल की कटाई करता हुआ किसान

अचानक मौसम परिवर्तन और भीषण गर्मी के कारण ग्रामीण क्षेत्रों के किसान अपनी फसलों की पैदावार में गिरावट को लेकर चिंतित हैं। इस वर्ष प्रखंड के 132 गांवों के किसानों ने लगभग 4200 हेक्टेयर भूमि में धान की रोपनी की है. अनुमान है कि पानी की कमी के कारण इस साल चावल के उत्पादन में 20% तक की कमी हो सकती है। आम तौर पर बोरवेल वाले गांवों में चावल की औसत पैदावार 42 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है। हालाँकि, इस वर्ष कम वर्षा के कारण फसल को पर्याप्त पानी नहीं मिला है, जिसके परिणामस्वरूप सूखे जैसे हालात हैं। इस क्षेत्र के किसान अपनी फसलों को बचाने के लिए नदियों, नहरों, कुओं और तालाबों से सिंचाई जैसे विभिन्न तरीकों की कोशिश कर रहे हैं

किसान ने बताया कि उन्होंने इस साल 20 एकड़ जमीन में धान लगाया था, लेकिन कम बारिश के कारण उनकी 5 एकड़ फसल बर्बाद हो गई है. धान की फसल इस समय नाजुक स्थिति में है और उसे पानी की जरूरत है। किसान कुओं से अपने खेतों की सिंचाई के लिए मोटर पंप का उपयोग कर रहे हैं, जो महंगा है। सके अलावा, श्रम लागत में भी वृद्धि हुई है।

अधिकारी ने बताया सुझाव

ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी एसएल मर्सकोले ने किसानों को दोपहर की तेज धूप से फसल को बचाने के लिए दोपहर 3 बजे के बाद अपने धान के खेतों में सिंचाई करने की सलाह दी है।

मंडी भाव और कृषि समाचार

PM Kisan Yojana: 15वीं किस्त से पहले लाभार्थियों की संख्या घट सकती है

प्रधानमंत्री किसान योजना के अंतर्गत, हर साल किसानों को 6,000 रुपये दिए जाते हैं। यह राशि तीन किस्तों में दी जाती है, प्रत्येक किस्त चार महीने के अंतराल पर। अब 15वीं किस्त की सूची में कुछ किसानों की संख्या में कमी हो सकती है। भूमि रिकॉर्ड के सत्यापन और ई-केवाईसी प्रक्रिया का पूरा नहीं होना यह किस्त नहीं मिलने के कारण हो सकता है। अब अपना ई-केवाईसी पूरा करना आपके लिए जरूरी है, ताकि आप 15वीं किस्त का लाभ उठा सकें।

कपास उत्पादकों का दुख: उचित दाम नहीं मिलने से किसानों मे निराशा

किसानों को प्रदेश के सबसे बड़े कपास उत्पादक जिले में उचित दाम नहीं मिलने से निराशा हो रही है। अतिवृष्टि ने कपास की गुणवत्ता और उत्पादन को प्रभावित किया, लेकिन बावजूद इसके, मंडी में उन्हें अधिकतम भाव केवल 7311 रुपए प्रति क्विंटल ही मिला। किसान 1044 वाहनों और 185 बैलगाड़ियों से अपनी उपज लेकर मंडी पहुंचे, लेकिन न्यूनतम भाव 3490 रुपए रहा। निकट भविष्य में भी भाव बढ़ने के आसार नहीं दिख रहे हैं। पिछले दो सालों में किसानों को अधिक भाव मिले थे, लेकिन वर्तमान में स्थिति अधिक निराशा कर रही है।

सोयाबीन की फसल को छोड़कर फूलों की खेती शुरू की

किसान ने सोयाबीन की फसल छोड़ी और तीन साल पहले आधे बीघे में हजारी फूल लगाए। पहले साल का औसत खर्च 18 हजार रुपये था और मुनाफा 55 हजार रुपये हुआ। फूल उत्पादन से किसान को सोयाबीन से अधिक मुनाफा हुआ। इसके बाद उन्होंने एक बीघे में फूल की खेती शुरू की और एक बीघे से भी अधिक पर फूल उत्पादन किया। फूल उत्पादन से किसान को अधिक लाभ हुआ और वे फूल को मध्य प्रदेश और राजस्थान में विक्रय करते हैं। उन्होंने सलाह दी कि किसानों को अपनी खेती में समय-समय पर बदलाव करना चाहिए।

मध्यप्रदेश में नया मौसम सिस्टम कल से एक्टिव, जानिए मौसम का हाल

मध्यप्रदेश में कल से नया बारिशी सिस्टम एक्टिव होगा। जबलपुर, शहडोल और रीवा संभाग में मध्यम से तेज बारिश हो सकती है, लेकिन भोपाल, उज्जैन और इंदौर में इसका असर नहीं होगा। पिछले 24 घंटों में अलग-अलग जिलों में बारिश हुई है, औसत बारिश की मात्रा में थोड़ी सी वारीद हुई है। भूमिगत जिलों में अधिक बारिश हुई है जबकि उच्च भूमिगत जिलों में बारिश कम हुई है। “

मन्दसौर में भारी बारिश: किसानों को लाखों का नुकसान

मंदसौर में भारी बारिश ने किसानों को लाखों का नुकसान पहुंचाया। 16 दिनों की हड़ताल के बाद खुली कृषि मंडी में लहसुन की 100 क्विंटल से ज्यादा उपज बर्बाद हो गई। व्यापारी अब खरीदने को तैयार नहीं हैं। इसके साथ ही, सूखने के बाद भी दाम नहीं बढ़ेँगे। बारिश ने अचानक शहर को जल भराव से गुजारा।

मध्य प्रदेश की 240 मंडी में अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू

मध्य प्रदेश में मंडी शुल्क घटाने की मांग पर आढ़तियों ने राज्यव्यापी मंडी हड़ताल की घोषणा की है। यह हड़ताल चार दिन से जारी है और सभी 230 मंडियों के लगभग 25 हजार आढ़तियों ने इसमें भाग लिया है| इस हड़ताल के कारण किसान अपनी फसलों को मंडियों में नहीं बेच पा रहे हैं। इससे उन्हें नुकसान हो रहा है। इस हड़ताल के पीछे की मुख्य मांग है मंडी शुल्क कम करने की। व्यापारियों ने 11 मांगों को लेकर हड़ताल की घोषणा की है, जिसमें मंडी शुल्क कम करने की मांग शामिल है

इस हड़ताल के दौरान किसानों को अपनी फसलों को मंडियों में नहीं बेचने के कारण नुकसान हो रहा है। इससे उन्हें अपनी फसलों को बेचने में दिक्कत हो रही है। इस हड़ताल के दौरान व्यापारियों ने अपनी मांगों को लेकर राज्य के विभिन्न हिस्सों में धरने भी दिए हैं| इस हड़ताल के दौरान व्यापारियों ने अपनी मांगों को लेकर राज्य के विभिन्न हिस्सों में धरने भी दिए हैं। इससे व्यापारियों को नुकसान हो रहा है। इस हड़ताल के दौरान राज्य सरकार ने व्यापारियों से बातचीत करने की कोशिश की है, लेकिन अभी तक कोई समझौता नहीं हुआ है। इस हड़ताल के दौरान किसानों को नुकसान हो रहा है। इससे उन्हें अपनी फसलों को बेचने में दिक्कत हो रही है। इस हड़ताल के दौरान राज्य सरकार ने व्यापारियों से बातचीत करने की कोशिश की है, लेकिन अभी तक कोई समझौता नहीं हुआ है। इस हड़ताल के दौरान व्यापारियों को नुकसान हो रहा है। इससे उन्हें अपने व्यवसाय को चलाने में दिक्कत हो रही है। इस हड़ताल के दौरान राज्य सरकार ने व्यापारियों से बातचीत करने की कोशिश की है, लेकिन अभी तक कोई समझौता नहीं हुआ है।