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Chhindwara Mandi News

chhindwara e-mandi install

छिंदवाड़ा कृषि उपज मंडी में आज से ई-मंडी योजना की शुरुआत

क्या आपने सुना है कि आज से एक नई योजना की शुरुआत हो रही है?

 जिसमें पहले चरण में कम आवक वाली किसान उपजों पर लागू होगी? हाँ, राज्य कृषि विपणन बोर्ड ने अ वर्ग की श्रेणी में आने वाली मंडियों के लिए ई-मंडी योजना को लागू किया है। इसके तहत, छिंदवाड़ा में भी कृषि उपज मंडी में कुछ नई क्रियाएं शुरू हो रही हैं।

ई-मंडी योजना: किसानों के लाभ का एक नया क्षेत्र

इस योजना के अंतर्गत, सोयाबीन, चना, तुअर, मूंग, उड़द, और अन्य कम आवक वाली उपजों की नीलामी तक की प्रक्रिया ई-मंडी के माध्यम से होगी। 17 जनवरी से इस प्रक्रिया को कृषि उपज मंडी में लागू किया जा रहा है।

ऑनलाइन प्रवेश पर्ची

इसमें ई प्रवेश पर्ची के माध्यम से होगी शुरुआत, जिसमें प्रवेश द्वार में कर्मचारी द्वारा किसान के नाम, पता, मोबाइल नंबर, कृषि उपज का नाम, मात्रा आदि की ऑनलाइन प्रवेश पर्ची जारी की जाएगी। किसान घर बैठे भी ऑनलाइन प्रवेश पर्ची बना सकेंगे।

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ई- अनुबंध: नीलामी से लेकर भाव तक का सफर

ई- अनुबंध में पीओएस मशीन में किसान की ऑनलाइन प्रवेश पर्ची का नंबर दर्ज करने के साथ नीलामी प्रक्रिया शुरू होगी। बोली में उच्चतम भाव से संतुष्ट होने पर भाव एवं क्रेता फर्म का मान नंबर दर्ज कर सुरक्षित कर दिया जाएगा। ऑनलाइन अनुबंध जारी करने के बाद, एक पर्ची किसान और एक पर्ची क्रेता फर्म को दी जाएगी। इस प्रकार ई तौल और ईभुगतान पत्रक भी जारी होगा।

ऑनलाइन व्यवसाय: ईमंडी एप का उपयोग

इसमें क्रेता व्यापारी या फर्म ईमंडी एप पर लॉगिन करने पर ऑनलाइन अनुबंध तौल आदि की जानकारी दिख जाएगी। यह नई पहल में किसानों को स्वतंत्रता और सुरक्षा का अहसास कराएगा और उन्हें व्यापारिक प्रक्रियाओं में और भी सुधार करने का अवसर देगा।

नए योजना से होने वाले लाभ

इस नई योजना के माध्यम से होने वाले लाभों की बात करते हुए, किसानों को ऑनलाइन प्रक्रिया का सीधा और सुरक्षित लाभ होगा। यह उन्हें अधिक बाजार एक्सेस और उच्चतम मूल्य प्राप्त करने में मदद करेगा। साथ ही, ऑनलाइन प्रवेश पर्ची के माध्यम से तत्परता को बढ़ावा मिलेगा और व्यापारिक प्रक्रियाओं में भी सुधार होगा।

समाप्ति की ओर: नई योजना का नया दौर
इस प्रयास से, हम एक नई दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं जो किसानों को बेहतर व्यवसायिक अवसर प्रदान करने के लिए है। यह नई योजना न केवल ऑनलाइन प्रक्रिया को सुगम और सुरक्षित बनाएगी, बल्कि कृषि उपजों को बेहतर बाजार तक पहुंचाने में भी सहारा प्रदान करेगी।

इस प्रकार, आज से शुरू हो रही नई ई-मंडी योजना के माध्यम से किसानों को व्यापारिक प्रक्रियाओं में नई दिशा में कदम बढ़ाने का एक नया मौका मिल रहा है। इस नए पहल के साथ हम आत्मनिर्भर और सुरक्षित कृषि सेक्टर की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं, जिससे हमारे किसान भाइयों को और भी सुविधाएं मिलेंगी। इस योजना के माध्यम से होने वाले सकारात्मक परिणामों की प्रतीक्षा की जा रही है, जो हमारे कृषि समाज को एक नए युग में ले जाएगी।

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Crop inside chhindwara mandi

तीन दिन में नहीं हो सका शेड से उपज का उठाव, किसानों का मक्का खुले मैदान में

व्यापारी की लाप्रवाही कहीं नहीं बन जाए किसानों के नुक्सान का बड़ा कारण ?

छिंदवाड़ा कृषि उपज मंडी कुसमेली में इतनी जगह है कि हर दिन एक लाख क्विंटल उपज की आवक हो, तो भी जाम जैसी स्थिति न बनेगी, लेकिन उठाव न होने के कारण स्थिति बिगड़ जाती है।

दरअसल, मंडी में कई व्यापारी अपनी उपज का उठाव मालगाड़ी रैक के अनुसार करते हैं। वे गोदाम ले जाने की बजाय, मंडी में ही अपने अनाज की बोरिया जमा रहने देते हैं। इससे किसानों को अपनी उपज खुले परिसर में ही ढेर करनी पड़ती है। ऐसे में यदि मौसम बिगड़ा और पानी की आफत बरसी तो इसका खमियाजा किसानों को ही भुगतना पड़ता है। बारिश के कारण नमी से ढेर किए गए उपज के दाम कम हो जाते हैं।

Crop inside chhindwara mandi
Crop inside chhindwara mandi

वहीं खुले परिसर में भी रखी छल्लियों से वाहनों का आवागमन बाधित होता है।

इस सप्ताह दो दिनों में पिछली आवक करीब 60 हजार क्विंटल हो चुकी है, शुक्रवार को भी करीब 35 हजार क्विंटल की आवक दर्ज की गई। शनिवार एवं रविवार को नीलामी नहीं होगी। इस दौरान पूरी उपज का उठाव हो जाने से आने वाले सोमवार को किसानों को शेड के अंदर ही जगह मिल सकती है।

शुक्रवार की शाम को उन्होंने खुद मंडी में भ्रमण कर शेडों का निरीक्षण किया है। इनमें एक-दो व्यापारियों ने शेडों में काफी संख्या में अपनी बोरिया स्टॉक की है। उन्हें फोन करके दो दिनों के अंदर पूरी बोरियां हटाने के लिए कहा गया है।

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