Anaj Mandi

किसानों की मुश्किल:लहसुन की फसल में बीमारी और पीलापन की समस्या

क्या है अंचल क्षेत्र के लहसुन उत्पादक किसानों की नई समस्या?

अंचल क्षेत्र के लहसुन उत्पादक किसानों को एक नई समस्या का सामना करना पड़ रहा है। उनकी खेतों में एकाएक बीमारी फैलने लगी है और कई जगहों पर फसल पीली होकर सूख रही है। किसानों का कहना है कि मच्छर और थ्रिप्स के कारण इस बीमारी का प्रकोप हो रहा है, जिससे फसल पर नकारात्मक प्रभाव हो रहा है।

Lehsun crop damage
Lehsun crop damage

किसानों की समस्या: पानी की कमी और फसल का सूखना

किसानों ने बताया कि इस बार पानी की कमी के बावजूद भी उन्होंने लहसुन की बुआई की थी, लेकिन फिर भी फसल के पत्ते सूखकर गिर रहे हैं। ये समस्या न केवल पौधा सूखने की ओर बढ़ा रही है, बल्कि इससे पौधा में पौष्टिकता की कमी भी हो रही है। किसानों ने बताया कि मौसम परिवर्तन और कोहरे के कारण काली मस्सी का प्रकोप भी हो रहा है, और इसके उपचार में असर नहीं दिखा रहा है।

कृषि विज्ञान केन्द्र का सुझाव: पीलापन रोकने के उपाय

किसानों ने कृषि विज्ञान केन्द्र से परामर्श लेने का फैसला किया है, और कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रमुख वैज्ञानिक जीएस चुंडावत ने बताया कि मौसम में होने वाले बदलाव से फफूंद जनित रोगों का प्रकोप बढ़ रहा है। उनका सुझाव है कि लहसुन की फसल में पीलापन को रोकने के लिए प्रोपिकोनाजोल 25 प्रतिशत ईसी की 1 एमएल मात्रा या पूर्व मिश्रित फफूंद नाशक कार्बेडाजिम + मैनकोजेब की 2 ग्राम मात्रा प्रति लीटर पानी में घोल बना कर छिड़काव किया जा सकता है। इसके साथ ही पांच किलोग्राम सल्फर प्रति बीघा की दर से और 500 एमएल हेक्साकोनाजोल 5% ईसी की 10 किलो रेत में मिलाकर के प्रति बीघा की दर से भुरकाव किया जा सकता है।

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