Anaj Mandi

मौसम में परिवर्तन से गेहूं, चना, मसूर को हो रहा है कीट, इल्ली प्रकोप

इस साल मौसम में बदलाव के कारण गेहूं, चना और मसूर जैसी फसलों में कीट और इल्ली का प्रकोप हो गया है। ये कीट फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. सोमवार को आष्टा कृषि विभाग के सहायक निदेशक द्वारा फसलों के निरीक्षण के दौरान भी यह प्रकोप देखा गया. आवश्यक उपाय कर फसलों को इससे बचाने की सलाह दी गयी. यह भी चेतावनी दी गई कि यह कीटों का प्रारंभिक चरण है और यदि दवा का छिड़काव कर नियंत्रण नहीं किया गया तो नुकसान अधिक होगा।

कृषि विभाग के एडीओ बीएस मेवाड़ा ने सोमवार को किलेरामा, चाचरसी व ताजपुरा गांवों का दौरा किया। उन्होंने गेहूं, चना और मसूर जैसी फसलों में कीटों और इल्ली का प्रकोप पाया। ये कीट फसलों की पत्तियों और फूलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।कृषि अधिकारियों ने किसानों को संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए कीटनाशकों का उपयोग करने की सलाह दी। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो संक्रमण और गंभीर हो जाएगा और फसलों को अधिक नुकसान होगा। ज्ञात हो कि दो दिन पहले अधिकारियों ने टिटोरिया, खामखेड़ा, मीना, सेवदा और पटैरिया गांवों का भी दौरा किया था, जहां उन्हें यही स्थिति मिली थी.

Climate change affect crops

90 हजार हेक्टेयर से अधिक रबी फसल

कृषि विभाग के अनुसार आष्टा क्षेत्र में 90 हजार हेक्टेयर से अधिक रबी फसल है। इस क्षेत्र में सबसे प्रमुख फसलें गेहूं हैं, इसके बाद चना और मसूर हैं। क्षेत्र के अधिकांश किसानों ने बुआई का काम पूरा कर लिया है और अब सिंचाई पर ध्यान दे रहे हैं। हालाँकि, उन्हें अपनी फसलों में कीटों और इल्ली प्रकोप से एक नई समस्या का सामना करना पड़ रहा है। किसानों को चिंता है कि प्राकृतिक आपदा से उन्हें काफी परेशानी हो रही है.

आष्टा मंडी में रिकार्ड आवक

आष्टा कृषि मंडी में सोमवार को रिकार्ड तोड़ 13575 क्विंटल कृषि उपज की आवक हुई। सुबह की नीलामी में मंडी परिसर ट्रैक्टर-ट्रॉलियों से भर गया। हालांकि दोपहर बाद किसानों की संख्या कम हो गई। मंडी में गेहूं की कीमत शरबती किस्म के लिए 3040 से 3761, लोकवन किस्म के लिए 2550 से 2977 और पूर्णा किस्म के लिए 2730 से 3251 तक रही। चने की कीमतें कांटा किस्म के लिए 4370 से 5676, चना सफेद के लिए 7431 से 13800 तक रहीं। सोयाबीन के भाव 2500 से 5900 और मसूर के भाव 4300 से 5755 प्रति क्विंटल रहे.

ग्रामीण क्षेत्रों का लगातार दौरा हो रहा है. इस दौरे में गेहूं, चना और मसूर जैसी फसलों में लगने वाले कीट और रोगों का अवलोकन किया जा रहा है। किसानों को अपनी फसलों को इन कीटों से बचाने की सलाह दी जा रही है।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top