क्या आपने कभी सोचा है कि ड्रोन तकनीक कृषि में कैसे मदद कर सकती है?
भारत संकल्प यात्रा के तहत, जिलेभर में इस नए किसानी उपकरण का परिचय किया गया है। रविवार को लालघाटी में कृषि विभाग ने किसानों को ड्रोन तकनीक का डेमो दिया, जिससे किसान अब अधुनिक तकनीक का उपयोग करके अपनी फसलों को कैसे सुरक्षित रख सकते हैं, इसका प्रचार किया जा रहा है।
जिले में अभी तक किसी भी किसान के पास ड्रोन नहीं है, लेकिन कई जगहों पर किसान इस नई तकनीक का उपयोग करके अपनी फसलों को बेहतर ढंग से धान कर रहे हैं। डेमो के माध्यम से, कृषि विभाग ने किसानों को ड्रोन टेक्नोलॉजी के फायदे बताए हैं और उन्हें इस नए यंत्र की महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गई है।
ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी ने बताया कि यात्रा के दौरान किसानों को इस तकनीक से अवगत कराने का प्रयास किया जा रहा है और इसके लाभों को समझाया जा रहा है। किसान ड्रोन की कीमत 9 लाख 24 हजार रुपए है, लेकिन इसमें सब्सिडी के माध्यम से किसानों को भारी छूट मिल रही है। इससे किसान करीब 4 लाख से 5 लाख रुपए की छूट पर ड्रोन खरीद सकता है।
कृषकों के लिए ड्रोन एक उपयुक्त और कुशल टूल साबित हो रहा है, जिसके माध्यम से सुरक्षित और तेजी से खेतों का प्रबंधन किया जा सकता है। यूज़जीन से आए अधिकारी बता रहे हैं कि ड्रोन को मैपिंग के आधार पर सेट करके ऑटोमेटिक ऑपरेशन भी किया जा सकता है, जिससे 1 एकड़ पर 10 मिनट में छिड़काव किया जा सकता है। इसके साथ ही, दवाई के स्प्रे के साथ इस्तेमाल करने से फसल में वाइब्रेशन पैदा होता है, जिससे पत्तियों पर लगने वाली दवा मिट्टी में अच्छे से मिल जाती है। इसके परिणामस्वरूप, इल्ली और अन्य कीटाणुओं को भी नष्ट करने में सहायक होता है, जिससे फसल को अधिक सुरक्षित बनाए रखने में मदद मिलती है।”
ड्रोन तकनीक के माध्यम से, किसान अपनी फसलों का सही ढंग से देख सकता है और इसे बेहतर तरीके से प्रबंधित कर सकता है। इससे वह अपनी फसलों को सुरक्षित रख सकता है और उन्हें अच्छी तकनीक से समर्थन प्राप्त होगा। जिले के किसान भी इस नई तकनीक के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए उदाहरणीय प्रयासरत हैं और इससे उन्हें एक नई दिशा मिल सकती है।