गेहूं की फसल में ठंड से बढ़ता उत्पादन:किसानों के लिए वरदान
क्या गेहूं की फसल के लिए ठंड वरदान है ?
आजकल, जब पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी के चलते मैदानी इलाकों में भी ठंड लगातार बढ़ती जा रही है, ठंड से जहां आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है, वहीं किसानों के लिए यह एक बड़ी खुशखबरी है। गेहूं की फसल के लिए ठंड वरदान साबित हो रही है, जिससे किसानों को अधिक पैदावार की उम्मीद हो रही है। इसके साथ ही, राष्ट्रीय गेहूं एवं जी संस्थान करनाल के वैज्ञानिकों ने भी गेहूं के बंपर पैदावार की उम्मीद जताई है। इस लेख में, हम जानेंगे कि कैसे ठंड और कुछ अन्य उपायों से गेहूं की फसल को बनाया जा सकता है और उससे किसानों को कैसे फायदा हो सकता है।
गेहूं के लिए ठंड वरदान
पहले ही बता दें कि गेहूं की फसल के लिए ठंड वरदान साबित हो रही है। ठंड से जुड़ी जानकारी के अनुसार, गेहूं के खेत में ठंड बढ़ने से फसल की पैदावार में भी वृद्धि हो सकती है। यहां वैज्ञानिकों की माने तो, ठंड जितनी बढ़ेगी, गेहूं की पैदावार उतनी ही अच्छी होगी। इसमें कोई संदेह नहीं है कि ठंड ने किसानों को नई उम्मीद दी है और इससे उनकी आजीविका में सुधार हो सकता है।
राष्ट्रीय गेहूं एवं जी संस्थान करनाल की राय
राष्ट्रीय गेहूं एवं जी संस्थान करनाल के वैज्ञानिकों के अनुसार, इस बार गेहूं के बंपर पैदावार की उम्मीद जताई जा रही है। केंद्र सरकार ने इस बार 114 मिलियन टन गेहूं उत्पादन का लक्ष्य रखा है, जिसको लेकर कृषि वैज्ञानिक पूरी तरह आशान्वित हैं। भारतीय गेहूं एवं जो अनुसंधान केंद्र करनाल के निदेशक ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि भारत के उत्तर, पूर्व और मध्य इलकों में बारिश का अनुमान है, और इससे गेहूं की पैदावार में वृद्धि हो सकती है।
किसानों के लिए उपयुक्त उपाय
गेहूं की फसल के लिए ठंड को और भी प्रभावी बनाने के लिए किसानों को ध्यानपूर्वक कुछ उपायों का पालन करना चाहिए।
सिंचाई से पहले यूरिया डालें
नाइट्रोजन की खुराक का प्रयोग बुआई के 40-45 दिन बाद तक पूरा कर लेना चाहिए। बेहतर परिणाम के लिए सिंचाई से ठीक पहले यूरिया डालें।
सिंचाई के साथ उर्वरकों का सही समय पर उपयोग
गेहूं के खेत में संकरी, चौड़ी पत्ती वाले दोनों खरपतवार हों तो पहली सिंचाई से पहले या सिचांई के 10-15 दिन बाद 120 124 लीटर पानी में सल्फोसल्फ्यूरॉन 75 डब्ल्यूजी 13.5 ग्राम, एकड़ या सल्फोसल्फ्यूरॉन, मेटासल्फ्यूरॉन 16 ग्राम प्रति एकड़ की दर से 125 लीटर पानी में मिलाकर प्रयोग करें।
कीट प्रबंधन
हाथ से संक्रमित कल्लों का हमला: संक्रमित कल्लों को हाथ से चुनने और उन्हें नष्ट करने से छेदक का हमला कम हो जाता है।
नाइट्रोजन उर्वरकों का सही समय पर उपयोग: संक्रमण से बचने के लिए नाइट्रोजन उर्वरकों को विभाजित खुराकों में उपयोग करने की सलाह दी जाती है।
अधिक प्रकोप के लिए क्विनालफॉस का उपयोग: यदि प्रकोप अधिक हो तो 1000 मिलीलीटर क्विनालफॉस 25 प्रतिशत, इसी को 500 लीटर पानी में प्रति हेक्टेयर मिलाकर छिड़काव करें।
अगेती गेहूं की फसल के लिए उपाय
अगेती गेहूं की फसल के नियंत्रण के लिए विकास नियामकों का उपयोग करें। इसके लिए ग्रोथ रेगुलेटर क्लोरमेक्वाट कलोराइड सीसीसी @0.2%, टेबुकोनाजोल 250 ईसी @ 0.1% वाणिज्यिक उत्पाद खुराक के टैंक मिश्रण के रूप में दो स्प्रे नोड (बुआई के 50-50 दिन बाद) ध्वज पत्ती (बुआई के 75-85 दिन बाद करें। किसानों ने अगेती गेहूं पर पहला छिड़काव नहीं किया है, वे बुआई के 70- 80 दिन बाद केवल एक ही छिड़काव कर सकते हैं।
गेहूं की फसल के लिए ठंड को वरदान माना जा रहा है, और उसे और भी प्रभावी बनाने के लिए किसानों को उपयुक्त उपायों का पालन करना चाहिए। यह सुनिश्चित करेगा कि गेहूं की पैदावार में वृद्धि हो, और किसानों को अच्छा मुनाफा हो।
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